अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर बात हुई है। ट्रंप के आग्रह पर ये बातचीत हुई। फोन कॉल पर हुई बातचीत पीएम मोदी ने ट्रंप को
बताया कि भारत ने कभी भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और न ही भविष्य में करेगा। यही नहीं पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के यूएस आने का न्यौता भी अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने यूएस राष्ट्रपति को भारत में QUAD शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने आतंकवाद, ऑपरेशन सिंदूर, मध्य पूर्व में चल रहे संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात G7 समिट से इतर होनी तय थी। राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा,
जिसके कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर, दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई। बातचीत लगभग 35 मिनट चली। विदेशल को पहलगाम
आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने फोन पर प्रधानमंत्री मोदी को शोक संवेदना प्रकट की थी और आतंक के खिलाफ समर्थन व्यक्त किया था। उसके बाद दोनों लीडर्स की यह पहली बातचीत थी।
इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तार से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी,
किसी भी स्तर पर, भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमेरिका की ओर से भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी। विदेशलदी ने ट्रंप के साथ फोन
पर बातचीत में कहा कि सैन्य कारवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच, दोनों सेनाओं की मौजूदा चैनल्स के माध्यम से हुई थी।
ये पाकिस्तान के ही आग्रह पर हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दे कर कहा कि भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा।
इस विषय पर भारत में पूर्ण रूप से राजनैतिक एकमत है। विदेशलदीत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि 22 अप्रैल के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना दृढ़ संकल्प पूरी दुनिया को बता दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 6-7 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया था।
विदेशलदीत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान की गोली का जवाब भारत गोले से देगा। 9 मई की रात को उपराष्ट्रपति वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था।
उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें साफ शब्दों में बताया था कि अगर ऐसा होता है तो भारत पाकिस्तान को उससे भी बड़ा जवाब देगा।
विदेशलदीत्रीत को पाकिस्तान के हमले का भारत ने बहुत सशक्त जवाब दिया और पाकिस्तान की सेना को बहुत नुकसान पहुंचाया। उसके मिलिट्री एयरबेस को Inoperable बना दिया।
भारत के मुहतोड़ जवाब के कारण पाकिस्तान को भारत से सैन्य कारवाई रोकने का आग्रह करना पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कभी भी,
किसी भी स्तर पर, भारत-अमेरिका ट्रेड डील या अमेरीका द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता जैसे विषयों पर बात नहीं हुई थी। विदेशलदीत्रीतरोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच,
दोनों सेनाओं की existing channels के माध्यम से हुई थी, और पाकिस्तान के ही आग्रह पर हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने जोर दे कर कहा कि भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा।
इस विषय पर भारत में पूर्ण रूप से राजनैतिक एकमत है। विदेशलदीत्रीतरोकने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विस्तार में बताई गई बातों को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी वॉर नहीं, युद्ध के रूप में ही देखता है। और भारत का ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। विदेशलदीत्रीतरोकने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि क्या वे कनाडा से वापसी मेंअमेरिका रुक कर जा सकते हैं।
पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों के कारण, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी असमर्थता व्यक्त की। दोनों लीडर्स ने तब तय किया कि वे निकट भविष्य में मिलने का प्रयास करेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष पर भी चर्चा की।
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर दोनों ने सहमति जतायी कि जल्द से जल्द शांति के लिए, दोनों पक्षों में सीधी बातचीत आवश्यक है, और इसके लिए प्रयास करते रहना चाहिए।
विदेशलदीत्रीतरोकने के संबंध में दोनों नेताओ ने अपने परिपेक्ष साझा किए और इस क्षेत्र में QUAD की अहम भूमिका के प्रति समर्थन जताया।
QUAD की अगली बैठक के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को भारत यात्रा का निमंत्रण दिया। राष्ट्रपति ट्रंप ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वे भारत आने के लिए उत्सुक हैं।