यार्क: भाई-बहनों से अच्छा रिश्ता मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करता है और किशोरावस्था में जोखिमभरे व्यवहार के खतरे को कम करता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बिहेवियर डेवलपमेंट में प्रकाशित एक नए शोध में यह दावा किया गया है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी के मानव विकास एवं परिवार विज्ञान विभाग में सहायक प्राध्यापक शोधकर्ता सारा किल्लोरेन के मुताबिक, “अपने भाई-बहनों के साथ रिश्तों के आधार पर लोग सीखते हैं कि दूसरों से कैसे व्यवहार किया जाए।”
किल्लोरेन ने कहा, “ऐसे भाई-बहन जो एक-दूसरे के विरोधी और नकारात्मक होते हैं, वे अपने समकक्षों के साथ भी उसी प्रकार का व्यवहार करते हैं। लेकिन ज्यादातर समकक्ष ऐसे व्यवहार और नकारात्मकता को समर्थन नहीं देते, जिसके कारण ऐसे किशोर पथभ्रष्ट साथियों के साथ रहने लगते हैं। इससे उनके गलत और जोखिमभरे व्यवहार में पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।” शोधकर्ताओं ने इसके लिए अमेरिका में रहने वाले मेक्सिकी मूल के 246 अमेरिकी परिवारों के घर में लिए साक्षात्कार के कई वर्षो के आंकड़ों का अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने ऐसे भाई-बहनों के जोड़ों के आपसी रिश्तों का अध्ययन किया, जिनकी उम्र अध्ययन की शुरुआत के समय लगभग 12 से 15 वर्ष थी। शोधकर्ताओं ने जांच की कि किशोरावस्था में भाई-बहनों का रिश्ता पांच और आठ वर्ष के उपरांत प्रत्येक भाई या बहन के जोखिमभरे व्यवहार और खतरनाक यौन व्यवहार से किस प्रकार संबंधित था। अध्ययन में ज्ञात हुआ कि आपस में सकारात्मक रिश्ता निभाने वाले भाई-बहन जोखिमभरे व्यवहार में सबसे कम लिप्त पाए गए। इसके विपरीत जिनके बीच नकारात्मक रिश्ता था, उनकी जोखिमभरे व्यवहार में अधिक लिप्तता पाई गई।अध्ययन साबित करता है कि मां-पिता को अपने भाई-बहनों के साथ अधिक समय व्यतीत करने, एक-दूसरे के लिए अच्छा आदर्श बनने और एक-दूसरे की देखभाल के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।किल्लोरेन ने कहा कि इस प्रकार के आदर्श मूल्यों को रोपित करके माता-पिता अपने बच्चों को भाई-बहनों के सकारात्मक रिश्तों के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, जिसे बच्चे अपने संपूर्ण व्यस्क जीवन में निभाना चाहेंगे।